बारिश से प्रार्थना :
बरस जा तू वहा...जहाँ सुखी पड़ी ज़मीं है...
मत बरस इतना भी वहाँ...जहाँ तेरी ना कोई कमी है...
कैसा अजीब खेल है़..ऐ बारिश तेरा भी...
कहीं चेहरोें पर मुस्कुराहट है..तो कहीं आँखों मे नमीं है...
http://swapnil-girase.blogspot.in/?m=1
बरस जा तू वहा...जहाँ सुखी पड़ी ज़मीं है...
मत बरस इतना भी वहाँ...जहाँ तेरी ना कोई कमी है...
कैसा अजीब खेल है़..ऐ बारिश तेरा भी...
कहीं चेहरोें पर मुस्कुराहट है..तो कहीं आँखों मे नमीं है...
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